Jagadguru Aadi Shankracharya Vyakhyanmala 2024
आज दिनांक 20 मार्च को जगत तारन महिला महाविद्यालय द्वारा भारतीय भाषा समिति शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के अनुदान से जगद्गुरु आदि शंकराचार्य व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो आशिमा घोष ने अतिथियों और वक्ताओं का स्वागत किया।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो.ओम प्रकाश पांडेय (पूर्व अध्यक्ष संस्कृत विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय) ने आचार्य शंकर के जीवन के अनेक अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डाला। प्रो. पांडेय ने भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक एकता में आचार्य शंकर के योगदान का विस्तृत वर्णन किया। विशिष्ट वक्ता प्रो. जटाशंकर तिवारी(पूर्व अध्यक्ष दर्शन विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय) ने अद्वैत वेदांत के शास्त्रीय पक्षों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि शंकराचार्य को प्रच्छन्न बौद्ध नहीं कहना चाहिए, अपितु नागार्जुन को प्रच्छन्न वेदान्ती कहना चाहिए। मुख्य वक्ता प्रो पी के साहू (पूर्व कुलपति इलाहाबाद विश्वविद्यालय) आचार्य शंकर के शिक्षा दर्शन की बात वक्ताओ के बीच साझा की। भारतीय भाषा समिति के चेयरमैन प्रो चमूकृष्ण शास्त्री तथा श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य भारती तीर्थ महास्वामी जी का शुभ संदेश वीडियो के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। डॉ. संत प्रकाश तिवारी ने शंकराचार्य व्याख्यानमाला के स्वरूप और प्रयोजन को स्पष्ट किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्या प्रो आशिमा घोष ने की। कार्यक्रम का कुशल संयोजन और संचालन डॉ. प्रमा द्विवेदी (संस्कृत विभाग जगत तारन महिला महाविद्यालय) ने किया। अतिथियों का परिचय डॉ. प्रचेतस शास्त्री एवं डॉ. अनुराग पाण्डेय जी ने दिया। कार्यक्रम में विभिन्न महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के आचार्य, छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।